Monday, January 11, 2010

तेरे शहर के लोग

तुझे चाहने की सजा देंगे ,
तेरे शहर के लोग .
तुझसे मेरी शादी  करा देंगे
तेरे शहर के लोग .
अब तक मैं ,
खुल्ला सांड था .
अब मुझे तेरा
पालतू कुत्ता बना देंगे .
तेरे शहर के लोग.



बाद मुद्दत ,
बड़ी तिकड़म के साथ ,
जगाये थे मैंने ,
तेरे दिल में वो सब एहसास .
बड़ी मेहनत से मैंने ,
तुझे पटाया था .
पर मेरी सारी मेहनत पर ,
झाडू फिरा देंगे ,
तेरे शहर के लोग.
तुझसे मेरी शादी करा देंगे,
तेरे  शहर के लोग .

शादी के बाद ,
मिटने लगेंगे सारे एहसास .
महबूबा से तू मेरी ,
बीवी हो जायेगी .
जिन्दगी कितनी ,
फीकी फीकी हो जायेगी .
मेरी रंग बिरंगी जिन्दगी पर ,
सफ़ेद चादर चड़ा देंगे ,
तेरे शहर के लोग .
तुझसे मेरी शादी करा देंगे ,
तेरे शहर के लोग.

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