तुम्हे देखकर,
मैंने जाना
किसी को बार बार ,
देखने की हसरत ,
किस तरह ,
दिल को मजबूर करती हैं।
तुम्हे चाहकर ,
मैंने जाना ,
किसी को खुश ,
रखने की हसरत,
किस तरह ,
दिल का अरमान बनाती हैं।
तुम्हे पाकर ,
मैंने जाना ,
किसी के अपने ,
पास होने की हकीकत,
किस तरह,
दिल को आबाद करती हैं।
तुम्हे छू कर ,
मैंने जाना ,
किसी को छू कर ,
पिघल जाने की हसरत ,
किस तरह ,
दिल को बेताब करती हैं।
तुम्हे खोकर ,
मैंने जाना ,
किसे के हमेशा ,
के लिए जाने के बाद ,
किस तरह
जिन्दगी बेमानी लगती हैं।
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