Tuesday, October 18, 2005

मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम

एक खोया हुआ एहसास हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।
मेरे होठों की प्यास हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

जिंदगी के कुछ कोमल नाजुक पल ,
कभी मुस्कुराते कभी शर्माते पल ,
इन पलों की खामोश आवाज हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

रात के अंधेरे में जब चाँद ,
तारों की चादर ओडकर सो जाता है ,
मेरी जागती आंखों के ख्वाब हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

तुमसे मिलकर एक तमन्ना ने फ़िर से ,
दिल के दरवाजे पर दस्तक दी है ,
एक नयी धड़कन का आगाज हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

तुम्हारे आने से पहले ,
तुम्हारे जाने के बाद ,
एक लंबा सा इन्तजार हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

मेरी जिंदगी के इस मोड़ पर ,
दिल के सामने हैं अब चंद सवाल ,
पर हर एक सवाल का जवाब हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

कहने को तो बहुत कुछ है ,
पर कुछ कहने की जरूरत भी क्या है ,
जब हरदम मेरे दिल के पास हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

जिससे मिली मेरे ख़्वाबों को ,
हर पल एक नयी ऊँचाई ,
मेरा वो आकाश हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ।

हसरत तो अब यह भी नहीं है ,
हसरत मेरी यह पुरी हो जाए ,
एक उन्बुझी प्यास हो तुम ,
मेरे लिए बहुत ख़ास हो तुम ,
और काश ,
हमेशा ऐसे ही ख़ास बनी रहो .

5 comments:

  1. kya kahun ....kuch kaha nahi jata.....bus ek naya ahsaas ho tum ....mere liye bahut khaas ho tum.....:)

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  2. kahane ko to bahut kuch hain
    par kuch bhee kahana ab mumkin nahin
    mere khaamosh lafjon kee awaaj ho tum
    Mere liye bahut khaash ho tum

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  3. mere ankhon mei basa ek naya khawab ho tum
    mere liye bahut khaash ho tum :)

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  4. jisase milee meree khaabon
    ko harpal eik nayee uchaai
    meraa vo aakaash ho tum
    Mere liye bahut khaash ho tum

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  5. Hasrat to ab yeh bhee nahin hain,
    Hasrat meree yeh puree ho jaaye,
    eik unbhujhee pyaas ho tum,
    Mere liye bahut khaash ho tum.
    Aur Kaash,
    Hameshaa aise hi khaash banee raho.

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